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जीवाजीपुर में सैण्ट एसआरएस पब्लिक स्कूल का एनएसएस शिविर का शुभारंभ

गंजबासौदा। धर्म और शिक्षा जब तक व्यवहार में नहीं उतरती है, तब तक परिवर्तन नहीं हो सकता है। इसलिए धर्म और शिक्षा को छात्रों और भक्तों के जीवन में उतरनी आवश्यक है। स्वामी विवेकानंद जी ने जब शिकागों में कहा कि मेरे भाईयों और बहनों तो विवेकानंद जी से अमेरिकन प्रभावित नहीं हुए बल्कि उस वाक्य में भारतीय संस्कृति की संवेदनशीलता विश्व के सामने पहुंची थी। क्योंकि भारतीय संस्कृति विज्ञान को व्यवहार में उतारने की कला सिखाती है। इसलिए बच्चों को हमेशा किताबी ज्ञान के साथ उसे जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए।

यह बात स्वामी राम कमल दास जी वेदांती जी द्वारा सैण्ट एसआरएस पब्लिक हायर सैकण्डरी स्कूल के एनएसएस केम्प के बौद्धक सत्र का शुभारंभ करते हुए कही। इस मौके पर एनएसएस स्वयंसेवकों की अतिरिक्त कक्षा लेते हुए श्री वेदांती जी ने गीता और उसके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी अपनी प्रार्थना सभा में गीता के दूसरे अध्याय के 55 से 72 तक के श्लोको को शामिल करते थे ताकि लोगों में गीता का व्यवहारिक उपदेश उतर सके। इसी कारण देश के स्वतंत्रता संग्राम में गीता महत्वपूर्ण जीवन संघर्ष का गीत बनकर उभरी। उन्होंने बताया कि गीता की अदालतों में शपथ लेते है, ताकि किसी भी चरित्र का व्यक्ति हो अपने स्तर पर सत्य के पक्ष में खड़ा होकर न्याय के साथ खड़ा हो सके। इस दौरान माननीय वेदांती जी ने अपने छात्र जीवन सहित विदेश में बिताए क्षणों को बच्चों के साथ शेयर कर शिक्षा दी।

उल्लेखनीय है कि सैण्ट एसआरएस पब्लिक हायर सैकण्डरी स्कूल का एनएसएस केम्प जीवाजीपुर वेदांत आश्रम में आठ फरवरी से आरंभ हो चुका है। इसमें एनएसएस की गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को ग्रामीण, श्रम और ग्रामीणों की संवेदनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। केम्प के शुभारंभ अवसर पर पर हारमोनियम पर शुभम विश्वकर्मा, तबले पर अनिकेत वर्मा, गायन में वैष्णवी बैरागी, वेदांशी रघुवंशी, रिषिका शर्मा, संजना रघुवंशी, सुरभि रघुवंशी ने मधुर गीतों के जरिए समां बांध दिया। वहीं समाजसेवी किशन अग्रवाल, काॅपर इंडिया लिमिटेड से इंजीनियर केपी यादव ने विचार रखते हुए समाज को दिशा देने के लिए एनएसएस केम्प की सराहना की। संस्था के डायरेक्टर केएस यादव ने कहा कि स्वामी वेदांती जी द्वारा गंजबासौदा के लिए धर्म, शिक्षा और सामाजिक उत्थान के लिए जो प्रयास किये जा रहे, उसमें सैण्ट एसआरएस परिवार हर पल साथ निभाने तैयार है। प्राचार्य उमेश चंद्र यादव एवं प्रबंधक श्रीमती सुधा यादव ने बच्चों से सतत् व्यवहारिक ज्ञान को जीने का आह्वान किया। एनएसएस प्रभारी राजेश यादव ने शिविर की गतिविधियों की जानकारी दी। संचालन व्याख्याता दिनकर कद्रे ने किया। इस अवसर पर श्रीमती रत्ना देशपाण्डे, विनीता ओझा, विशाल कुशवाह, केपी चैहान, दीपक कुशवाह सहित शिविर में तन और मन से सेवा कार्य कर रहे स्वयंसेवक मौजूद रहे। 


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